महाराज श्री का जीवन इतिहास
- नाम - महंत श्री राधेश्याम व्यास जी महाराज।
- जन्म तिथि - 29 अगस्त सन् 1956 कृष्ण जन्माष्टमी अर्द्धरात्रि।
- वंश (कुल) - वैष्णव स्वामी ब्राह्नमण ।
- जन्म स्थल - ग्राम - चतरपुरा, तहसील - बानसुर, जिला - अलवर(राजस्थान)
- आश्रम - गृहस्थ संत ।
- वंश परम्परागत कार्य - पीढ़ी दर पीढ़ी सभी विद्वान कार्मकाण्डी, ज्योतिषाचार्य एवं आयुर्वेदाचार्य।
- शिक्षा-दीक्षा - प्रारम्भिक व उच्चशिक्षोपरान्त सद्गुरूदेव व विद्वानों के सानिध्य में रहकर कर्मकाण्ड ज्योतिष, वास्तुशास्त्र व कथा व्यास की शिक्षा प्राप्त की ।
- कर्मभूमि - नगर - धामपुर, जिला - बिजनौर (उ0प्र0)।
- सतत् साधना व तपस्या से सिद्धि प्राप्ति - महाराज श्री ने लोक मंगल के भाव सात वर्षो तक लगातार कठोर तपस्या, साधना एवं विशेष शक्ति प्रदान करने वाले सात्विक अनुष्ठानकर अनेक सिद्धियाँ प्राप्तकर लोक कल्याण किया।
- आश्रम - हरिद्वार (उत्तरांचल) से लखनऊ (उ0प्र0) के एन0 एच0 74 पर ।
- श्री राम मंदिर आश्रम - मो. साहवान धामपुर, जिला - बिजनौर(उ0प्र0)
- जीवन के उद्देश्य हेतु संकल्प - दीन व असहाय जन सेवा, गौ सेवा, निर्धन, अनाथ कन्या पालन, शिक्षा, विवाह कर्मसेवा से सम्मान व राष्ट्रसेवा के साथ ही साथ कथा - सत्संग के माध्याम से धर्म प्रचार व जन कल्याण करना।
महाराज श्री द्वारा लोक हितार्थ रचित धार्मिक ग्रन्थ
- संगीतमय शिव महापुराण कथा ज्ञानामृत।
- संगीतमय द्विव्य श्रीराम कथामृत।
- कष्टमुक्ति , प्रभु-भक्ति ज्ञानामृत।
- कष्टमुक्ति, समस्या-निदान, कामना-सिद्ध उपाय ज्ञानामृत।
- व्यास भजनामृत।